राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को आयोजित विशेष समारोह में अतिथि नेता को पूरे राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। औपचारिक स्वागत के इस दौरान तीनों सेनाओं के दस्तों ने अनुशासन और परंपरा की झलक पेश करते हुए सम्मान प्रकट किया। राष्ट्रपति तथा अन्य उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित इस कार्यक्रम ने भारत की राजनयिक परंपराओं और आतिथ्य-संस्कृति को एक बार फिर प्रदर्शित किया।
गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करने के बाद अतिथि नेता ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गांधीजी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और कुछ देर मौन रहकर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि गांधीजी के सत्य, अहिंसा और मानवता के सिद्धांत विश्वभर में प्रेरणा के स्रोत बने हुए हैं, और अतिथि नेता का यह gesto भारत के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
राजघाट पर हुई इस संक्षिप्त लेकिन भावनात्मक यात्रा के दौरान अतिथि नेता ने गांधी स्मारक परिसर का अवलोकन किया और वहां दर्ज ऐतिहासिक संदेशों को ध्यानपूर्वक पढ़ा। उन्होंने कहा कि गांधीजी का जीवन और विचार आज भी विश्व शांति, संवाद और सहअस्तित्व के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
दिनभर चले इस राजकीय कार्यक्रम ने न केवल भारत की कूटनीतिक मेजबानी का परिचय दिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों की मजबूती और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी नई पहचान दी।





