रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने एक ऐसे नए और अधिक न्यायपूर्ण बहुध्रुवीय विश्व के उदय की आशा व्यक्त की थी, जिसे आज दुनिया साकार होते देख रही है। उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अब एकतरफा नहीं रही, बल्कि विभिन्न राष्ट्रों के बीच संतुलन, सहयोग और पारस्परिक सम्मान के आधार पर आगे बढ़ रही है।
अपने संबोधन में पुतिन ने कहा कि महात्मा गांधी की विचारधारा ने विश्व राजनीति और मानव मूल्यों को गहरे स्तर पर प्रभावित किया है। गांधीजी ने स्वतंत्रता, अहिंसा, सत्य और समानता को जिस प्रकार वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनाया, वह आज भी अंतरराष्ट्रीय संबंधों की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पुतिन ने यह भी उल्लेख किया कि गांधीजी के सपनों का बहुध्रुवीय विश्व धीरे-धीरे वास्तविकता का रूप ले रहा है, जहां छोटे-बड़े सभी देश वैश्विक निर्णयों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक विश्व व्यवस्था में किसी एक शक्ति का प्रभुत्व स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बहुध्रुवीयता से विश्व में स्थिरता बढ़ती है, संसाधनों का न्यायपूर्ण वितरण संभव होता है और वैश्विक चुनौतियों का समाधान सामूहिक रूप से खोजा जा सकता है। पुतिन के अनुसार, आज की परिस्थितियों में देशों के बीच साझेदारी, संवाद और सम्मान सबसे आवश्यक तत्व हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह बयान न केवल वैश्विक राजनीतिक संदर्भों का संकेत है, बल्कि गांधीजी के विचारों को अंतरराष्ट्रीय विमर्श में पुनः स्थापित करने का प्रयास भी है। उनके संदेश ने यह स्पष्ट किया कि भारत के महानायक महात्मा गांधी के सिद्धांत विश्व शांति, संतुलन और बहुध्रुवीयता की दिशा में अब भी मार्गदर्शक बने हुए हैं।





