अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित बिजनेस फोरम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया। इस उच्चस्तरीय मंच पर दोनों नेताओं की उपस्थिति को वैश्विक रणनीतिक साझेदारी और आर्थिक संबंधों को मजबूती देने के रूप में देखा जा रहा है। कार्यक्रम में उद्योग जगत, निवेश से जुड़े प्रतिनिधियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की भी बड़ी भागीदारी रही।
फोरम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विकास यात्रा केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वैश्विक मानवता की भलाई में योगदान देना है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत ऐसी नीतियों और पहलों पर काम कर रहा है, जो दुनिया के हर देश और समाज के लिए उपयोगी साबित हों। पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि स्थायी विकास, तकनीकी प्रगति और आर्थिक साझेदारी के माध्यम से ही विश्व एक बेहतर भविष्य की तरफ बढ़ सकता है।
राष्ट्रपति पुतिन ने भी अपने संबोधन में भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे भरोसे और सहयोग का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा, रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी और मजबूत होगी। फोरम में निवेश बढ़ाने, व्यापारिक बाधाओं को कम करने और नवाचार को बढ़ावा देने पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
कार्यक्रम के दौरान दोनों पक्षों ने युवाओं, स्टार्टअप्स, उभरती तकनीकों और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई। विशेषज्ञों का मानना है कि इस फोरम में हुई चर्चाएं भविष्य में कई बड़े आर्थिक समझौतों और परियोजनाओं का आधार बन सकती हैं।
बिजनेस फोरम में प्रधानमंत्री का “मानवता की भलाई” वाला संदेश वैश्विक समुदाय को भारत की व्यापक दृष्टि दर्शाता है, जबकि पुतिन की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया। दोनों नेताओं की सहभागिता से यह स्पष्ट है कि भारत और रूस वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।





