उत्तर भारत में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है। पर्वतीय इलाकों में हो रही लगातार बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। तापमान में तेज गिरावट के साथ झारखंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर की चेतावनी जारी कर दी गई है। मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में ठंड का असर और अधिक बढ़ सकता है।
हिमालयी क्षेत्रों—विशेषकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों—में सोमवार रात से भारी बर्फबारी हो रही है। कई पर्वतीय मार्गों पर यातायात प्रभावित हो गया है और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पहाड़ों पर जमी ताज़ी बर्फ ने जहां पर्यटन को गति दी है, वहीं सामान्य जनजीवन बाधित हो गया है।
बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। झारखंड और हरियाणा में सुबह–शाम गलन वाली ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विभाग ने शीतलहर और कोल्ड डे की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। कई जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे दर्ज किया गया है।
कड़ाके की ठंड से आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सुबह और रात के समय सड़कों पर आवाजाही कम हो गई है। कई स्थानों पर स्कूलों के समय में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है। वहीं, गरीब और खुले में रहने वाले लोगों के लिए नगर निगमों और जिला प्रशासन की ओर से अलाव और राहत उपाय शुरू किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ठंड में तेजी से गिरते तापमान को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। इस मौसम में सर्दी, खांसी, जोड़ों के दर्द और सांस से संबंधित समस्याओं में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
फिलहाल, मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों तक उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में ठंड का प्रकोप जारी रहेगा और शीतलहर की स्थितियाँ और भी तीव्र हो सकती हैं।





