पंचकेदारों के गद्दी स्थल के रूप में प्रतिष्ठित ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में बुधवार को विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शीतकालीन यात्रा का शुभारंभ हो गया। पारंपरिक वेद मंत्रोच्चार, भक्ति संगीत और धार्मिक आस्थाओं के बीच शुरू हुई इस यात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों और स्थानीय लोगों ने भाग लेकर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन पूजन की परंपरा को आगे बढ़ाया।
सुबह ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठानों की तैयारी शुरू हो गई थी। पुजारियों ने शास्त्रीय नियमों के अनुसार विशेष पूजा संपन्न कर भगवान उषा और केदारनाथ की गद्दी को शीतकाल के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में स्थापित किया। इस दौरान डोली यात्रा को विभिन्न पड़ावों से होते हुए मंदिर तक पहुंचाया गया, जहां भक्तों ने पारंपरिक नारे और ढोल-दमाऊ की धुनों के साथ स्वागत किया।
मंदिर प्रबंधकों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी भगवान केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी ऊखीमठ लाने की परंपरा को संपूर्ण विधि-विधान के साथ निभाया गया। इसकी तैयारियों में स्थानीय प्रशासन, मंदिर समिति और क्षेत्रीय जनता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों, रंगोलियों और दीपों से सजाया गया, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक रंग में डूबा नजर आया।
यात्रा के दौरान स्थानीय लोग और श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं के साथ मंदिर पहुंचे। कई भक्तों ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में ऊखीमठ में दर्शन का अवसर उनके लिए बेहद पवित्र अनुभव होता है। वहीं, मंदिर समिति ने भी इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की हैं, जिनमें सुरक्षा, सफाई और यात्रा मार्गों का रखरखाव शामिल है।
शीतकालीन पूजा की शुरुआत के साथ ही ऊखीमठ क्षेत्र में श्रद्धा और उत्साह का माहौल एक बार फिर चरम पर है। आने वाले महीनों में हजारों भक्त ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचेंगे। स्थानीय लोगों को भी उम्मीद है कि यात्रा से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियों में भी सकारात्मक बढ़ोतरी देखी जाएगी।





