Wednesday, December 3, 2025

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हर दवा दुकान पर चस्पा होगा क्यूआर कोड और हेल्पलाइन नंबर

देश में दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और पारदर्शिता को मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार एक महत्वपूर्ण पहल लागू करने जा रही है। जल्द ही सभी दवा दुकानों पर क्यूआर कोड और हेल्पलाइन नंबर अनिवार्य रूप से चस्पा किए जाएंगे। इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं को दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों, खराब गुणवत्ता या किसी अन्य अनियमितता की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक आसान और त्वरित माध्यम उपलब्ध कराना है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, क्यूआर कोड स्कैन करते ही उपभोक्ता सीधे एक ऐसी ऑनलाइन प्रणाली पर पहुंच सकेंगे, जहां दवा से जुड़े दुष्प्रभाव, गलत दवा देने की शिकायत, एक्सपायरी के नजदीक उत्पाद बेचने या अनियमित मूल्य वसूली जैसे मामलों की जानकारी दर्ज कराई जा सकेगी। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी शिकायत तुरंत दर्ज कराई जा सकेगी, जिसे संबंधित विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा।

सरकार का मानना है कि दवा दुकानों पर इन सूचनाओं के स्पष्ट प्रदर्शन से मरीजों को जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें यह समझने में आसानी होगी कि किसी समस्या की स्थिति में वे किससे और कैसे संपर्क कर सकते हैं। क्यूआर कोड प्रणाली न केवल शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को आसान बनाएगी बल्कि इससे दवाओं की निगरानी और उनकी ट्रेसिंग भी अधिक प्रभावी होगी।

अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से फार्मेसी संचालकों पर भी जिम्मेदारी बढ़ेगी, क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाही या शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की संभावना अधिक होगी। इससे बाजार में मिलावटी, एक्सपायर्ड या संदिग्ध दवाओं की बिक्री पर भी काफी हद तक अंकुश लगने की उम्मीद है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दवा सुरक्षा से जुड़े मामलों में अक्सर मरीजों को शिकायत दर्ज कराने का उचित माध्यम नहीं मिलता, जिसके कारण कई घटनाएं रिपोर्ट ही नहीं हो पातीं। लेकिन क्यूआर कोड और हेल्पलाइन प्रणाली लागू होने के बाद यह स्थिति काफी हद तक बदलेगी। यह कदम देश में फार्माकोविजिलेंस प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

जल्द ही सभी राज्यों को इस संबंध में दिशा-निर्देश भेजे जाएंगे और निर्धारित समयसीमा के भीतर सभी दवा दुकानों पर क्यूआर कोड व हेल्पलाइन डिस्प्ले अनिवार्य कर दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि यह व्यवस्था मरीजों की सुरक्षा, सेवा की गुणवत्ता और दवा बाजार में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

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