Tuesday, December 2, 2025

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रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति की दिशा में बड़ा संकेत! ट्रंप का निर्णायक कदम, पुतिन से मिलेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत

रूस–यूक्रेन युद्ध को समाप्त कराने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण हलचल तेज हो गई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसा कदम उठाया है, जिसने वैश्विक राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप ने अपने एक विशेष दूत को रूस भेजने का निर्णय लिया है, जो सीधे मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इसे युद्ध समाप्ति के संभावित प्रयासों की सबसे बड़ी कड़ी माना जा रहा है।

ट्रंप प्रशासन के इस कदम को एक निर्णायक पहल के रूप में देखा जा रहा है। चुनाव अभियान के दौरान ही ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो रूस–यूक्रेन संघर्ष को “बहुत कम समय में” खत्म कर देंगे। अब इस दावे की दिशा में उनका यह कदम कूटनीतिक सक्रियता का स्पष्ट संकेत देता है। सूत्रों का दावा है कि इस गुप्त दूत को एक विशेष एजेंडा के साथ भेजा जा रहा है, जिसमें युद्धविराम, सुरक्षा गारंटी और संभावित राजनीतिक समाधान जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं।

कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका और रूस के बीच लंबे समय बाद किसी भी स्तर पर होने वाला यह सीधा संवाद महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के संबंध पिछले कुछ वर्षों से तनावपूर्ण दौर में हैं। ऐसे में ट्रंप द्वारा प्रतिनिधि भेजना न केवल संघर्ष कम करने का प्रयास है बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन में नई चाल भी माना जा रहा है।

यूक्रेन की ओर से हालांकि अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि कीव इस पहल को सावधानी के साथ देखेगा। यूक्रेनी नेतृत्व का मानना है कि किसी भी शांति समझौते में उसकी संप्रभुता और सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। वहीं, रूस बार-बार यह संकेत देता रहा है कि वह बातचीत के लिए तैयार है, बशर्ते उसकी शर्तों पर विचार किया जाए।

ट्रंप की इस पहल से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उम्मीद जगी है कि शायद युद्ध के लंबे और विनाशकारी चरण का अब समापन निकट हो सकता है। 2022 से जारी इस संघर्ष ने हजारों जानें ली हैं और यूरोप के सुरक्षा ढांचे को गहरे संकट में डाल दिया है।

अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि पुतिन और अमेरिकी विशेष दूत की संभावित मुलाकात से क्या कोई ठोस समाधान निकलता है या यह कूटनीति केवल शुरुआती संकेत भर साबित होगी।

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