Friday, November 28, 2025

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पौड़ी गढ़वाल: गुलदार को मारने के आदेश

पौड़ी जिला मुख्यालय से सटे डोभाल ढांडरी गांव में लगातार बढ़ते गुलदार के आतंक के बीच वन विभाग ने आखिरकार गुलदार को मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश जारी होते ही पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे ग्रामीणों ने अपना आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। गांव में विभागीय शूटर को तैनात कर दिया गया है और सुरक्षा के इंतज़ाम बढ़ा दिए गए हैं।

गौरतलब है कि 21 नवंबर को गांव के पास घास काटते समय गुलदार ने एक बुजुर्ग महिला पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। घटना के बाद से ही ग्रामीणों में भारी आक्रोश बना हुआ था। बुधवार को उग्र ग्रामीणों ने पौड़ी–श्रीनगर हाईवे को जाम कर 24 घंटे के भीतर गुलदार को मारने की मांग उठाई थी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि यदि जल्द कारवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी डोभाल ढांडरी पहुंचे और घायल महिला का हाल जाना। वन विभाग ने इससे पहले प्रभावित क्षेत्र में गुलदार को पिंजरे में कैद करने और उसे ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने गुलदार को मारने के आदेश जारी कर दिए।

गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ अभिमन्यु सिंह ने बताया कि आदेश डोभाल ढांडरी क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए जारी हुए हैं। रेंजर अधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल ने बताया कि विभागीय शूटर पंकज नेगी को गुरुवार को गांव में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की गई है। वहीं कांग्रेस नेता सुंदर लाल मुयाल ने भी इस मुद्दे पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी गश्त

जिले में गुलदार, बाघ और भालू प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने नए निर्देश जारी किए हैं। डीएम स्वाति एस. भदौरिया ने कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में वन विभाग को प्रभावित क्षेत्रों में नियमित गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चारा-पत्ती लेने जाने वाली महिलाएं रिफ्लेक्टिंग जैकेट पहनकर समूह में जाएं, ताकि जंगली जानवरों के हमलों की आशंका कम हो।

डीएम भदौरिया ने एसडीओ वन को निर्देश दिए कि ऐसे सभी क्षेत्रों को चिह्नित किया जाए, जहां जंगली जानवरों की गतिविधियां अधिक हैं। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग को प्रभावित गांवों में झाड़ी कटान के कार्य तेजी से शुरू करने के लिए बुशकटर उपलब्ध कराने के आदेश दिए गए।

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस के कुशल निशानेबाजों की सूची वन विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जा सके। ग्राम प्रहरी और पीआरडी स्वयंसेवकों को भी आपातकालीन स्थिति में वन विभाग के साथ संयुक्त गश्त करने को कहा गया।

बैठक में डीएफओ लैंसडाउन जीवन मोहन दगाड़े और डीएफओ कालागढ़ तरुण श्रीधर ने फॉक्स लाइट, सोलर लाइट, बायो फेंसिंग और अन्य सुरक्षा उपकरणों के उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी।

गुलदार के आतंक से दहशत में आए ग्रामीण अब आदेशों के बाद कुछ राहत महसूस कर रहे हैं, उम्मीद है कि वन विभाग की कार्रवाई से जल्द समाधान मिलेगा।

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