पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव एक बार फिर उभर आया है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर मंगलवार को तब भड़क उठे जब उन्हें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई। गुस्से में उन्होंने अदियाला जेल के बाहर ही धरना शुरू कर दिया, जिसके कारण जेल परिसर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था तत्काल कड़ी कर दी गई।
सूत्रों के अनुसार, सीएम गंडापुर अपनी सरकारी टीम के साथ इमरान खान से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन जेल प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया। इसके बाद वे वहीं सड़क पर बैठ गए और मुलाकात की अनुमति मिलने तक धरना जारी रखने की घोषणा कर दी। उनके बैठते ही बड़ी संख्या में PTI समर्थक मौके पर जुटने लगे, जिससे स्थिति तनावपूर्ण होती चली गई।
धरने के दौरान गंडापुर ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष से मुलाकात उनका अधिकार है और प्रशासन बेवजह रुकावटें खड़ी कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है और उनके नेता को पूरी तरह से अलग-थलग करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि पार्टी प्रतिनिधियों को मुलाकात की इजाजत नहीं दी गई, तो पूरे प्रांत में आंदोलन तेज किया जाएगा।
जेल प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि मुलाकातों के लिए निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है और सुरक्षा एजेंसियों की सलाह के आधार पर ही अनुमति दी जाती है। अधिकारियों का कहना है कि हाल के दिनों में सुरक्षा जोखिम बढ़ने के कारण कुछ मुलाकातों को सीमित किया गया है।
इस घटना ने पाकिस्तान की राजनीति में हलचल मचा दी है। कई विश्लेषकों का मानना है कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से PTI नेताओं और सरकार के बीच तनाव लगातार गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री का इस तरह धरने पर बैठना राजनीतिक टकराव की नई परत जोड़ता है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी विवादित हो सकती है।
मौके पर तैनात पुलिस और सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाए हैं। हालांकि, देर रात तक बातचीत के प्रयास जारी रहे और प्रशासन ने कहा कि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश की जा रही है।




