अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के लिए एक महत्वपूर्ण राहत का ऐलान करते हुए कई चीनी उत्पादों पर टैरिफ छूट की अवधि बढ़ाने का फैसला किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव लंबे समय से वैश्विक बाजारों को प्रभावित कर रहा है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यवसायों को ऊंची लागत से बचाने और आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
जानकारी के अनुसार, यह राहत अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) द्वारा ट्रेड एक्ट के सेक्शन 301 के तहत दी गई है। इसी सेक्शन के आधार पर ट्रंप सरकार ने 2018–19 में चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाए थे। अब इसी प्रावधान के अंतर्गत कई आयातित उत्पादों को अस्थायी रूप से टैरिफ छूट सूची में शामिल किया गया है। इन उत्पादों में मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट, विनिर्माण उपकरण, चिकित्सा उपकरण और कुछ उपभोक्ता वस्तुएँ शामिल हैं।
अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि छूट की यह अवधि बढ़ाने से घरेलू उद्योगों को राहत मिलेगी, क्योंकि इन उत्पादों पर बढ़े हुए शुल्क का सीधा असर उत्पादन लागत और बाजार मूल्य पर पड़ रहा था। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम चीन को आर्थिक राहत तो देता ही है, साथ ही अमेरिकी कंपनियों को भी जरूरी उपकरण और कच्चा माल सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने में मदद करेगा।
हालांकि, ट्रंप का यह निर्णय राजनीतिक बहस का विषय भी बन गया है। आलोचकों के अनुसार, चीन पर दबाव बनाए रखने के लिए लगाए गए शुल्कों में ढील अमेरिका की कड़ी व्यापार नीति को कमजोर कर सकती है। वहीं, समर्थकों का मानना है कि यह फैसला उपभोक्ताओं और उद्योगों के हित में है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाएँ अस्थिर हैं।
कुल मिलाकर, टैरिफ छूट बढ़ाने के इस कदम ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संवाद के लिए एक नया माहौल बनाया है, और यह आने वाले महीनों में व्यापारिक संबंधों की दिशा तय करने में अहम साबित हो सकता है।





