दक्षिण कोरिया ने अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और बड़ी छलांग लगाते हुए नूरी रॉकेट की मदद से अब तक का सबसे बड़ा सैटेलाइट सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया है। यह लॉन्च दक्षिण कोरिया के लिए तकनीक और अंतरिक्ष विज्ञान दोनों क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि यह मिशन देश की स्वदेशी रॉकेट क्षमताओं और सैटेलाइट प्रौद्योगिकी को एक नए स्तर पर ले जाता है।
अंतरिक्ष विज्ञान संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि स्वदेशी रूप से विकसित नूरी रॉकेट ने निर्धारित समय के अनुसार उड़ान भरी और लक्ष्य कक्षा में सैटेलाइट को सफलतापूर्वक स्थापित किया। इस सैटेलाइट का वजन पहले लॉन्च किए गए उपग्रहों की तुलना में कहीं अधिक है, जिससे यह नूरी रॉकेट की क्षमता और दक्षता का बड़ा प्रमाण बन गया है। मिशन के सफल होने के तुरंत बाद दक्षिण कोरियाई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने इसे देश के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय बताया।
इस उपग्रह का उपयोग उन्नत पृथ्वी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान, संचार सेवाओं और रक्षा संबंधी विश्लेषण के लिए किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सैटेलाइट के माध्यम से दक्षिण कोरिया न केवल अपनी तकनीकी क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण सुधार कर सकेगा।
दक्षिण कोरियाई सरकार ने इस उपलब्धि को राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताया है। अधिकारियों का कहना है कि नूरी रॉकेट का यह सफल प्रक्षेपण देश को भविष्य में अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में मजबूत स्थिति दिलाने में अहम साबित होगा। सरकार ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले वर्षों में और भी महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन लॉन्च किए जाने की योजना तैयार की जा रही है।
इस सफलता के साथ दक्षिण कोरिया उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में और अधिक मजबूती से शामिल हो गया है, जो अपने भारी उपग्रहों को स्वदेशी रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजने में सक्षम हैं। यह मिशन देश के तकनीकी विकास, वैज्ञानिक अनुसंधान और वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में बढ़ती भूमिका का स्पष्ट संकेत देता है।





