गंगोत्री नेशनल पार्क में तापमान लगातार गिरने के कारण गंभीर ठंड की स्थिति बन गई है। शीतलहर के प्रभाव से पार्क के भीतर बहने वाले कई नदी-नाले जमने लगे हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में बर्फ की मोटी परत बन गई है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में यहां रात का तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे पहुंच गया, जिसके चलते जलस्रोतों पर बर्फ जमने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
कठोर ठंड और जमी सतहों के बीच वन्यजीवों की गतिविधियां प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए वन विभाग ने अपनी निगरानी व्यवस्था और अधिक मजबूत कर दी है। विभाग ने पार्क के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त ट्रैप कैमरे स्थापित किए हैं। इन कैमरों की मदद से अधिकारियों को न सिर्फ वन्यजीवों की आवाजाही पर नजर रखने में आसानी होगी, बल्कि कठिन मौसम के दौरान उनके व्यवहार और अनुकूलन क्षमता का भी अध्ययन किया जा सकेगा।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कैमरों से मिलने वाले डेटा से यह पता लगाया जाएगा कि तापमान में भारी गिरावट के दौरान हिमालयी वन्यजीव किस प्रकार सुरक्षित स्थान तलाशते हैं और किन क्षेत्रों में उनकी सक्रियता बढ़ती या घटती है। इसके साथ ही, यह तकनीक मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने में भी सहायक साबित होगी, क्योंकि ठंड के मौसम में कई बार जानवर भोजन की तलाश में निचले इलाकों की ओर बढ़ जाते हैं।
कुल मिलाकर, गंगोत्री नेशनल पार्क में तेज ठंड और जमते जलस्रोत जहां प्राकृतिक चुनौती बनकर उभरे हैं, वहीं वन विभाग की सक्रियता और तकनीकी निगरानी से इस कठिन मौसम में वन्यजीव संरक्षण की कोशिशें और अधिक प्रभावी हो रही हैं।





