Friday, November 21, 2025

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‘यह भारत की विकसित होती चेतना का प्रमाण’ — नेहरू के लेखों के डिजिटल आर्काइव के उद्घाटन पर राहुल गांधी

नई दिल्ली। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचारों और लेखन को संरक्षित करते हुए कांग्रेस ने उनके लेखों और भाषणों के डिजिटल आर्काइव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह सिर्फ इतिहास का संरक्षण नहीं, बल्कि भारत की विकसित होती चेतना और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रमाण है।

कार्यक्रम में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू का चिंतन हर दौर में देश को नई दिशा देता रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत की बौद्धिक, वैज्ञानिक और लोकतांत्रिक नींव नेहरू ने रखी थी और उनके विचार आज भी देश की समावेशी विकास यात्रा का आधार बने हुए हैं।

लोकतांत्रिक मूल्यों का दस्तावेज

राहुल गांधी ने इस पहल को लोकतंत्र के प्रति सम्मान बताते हुए कहा कि

“नेहरू जी ने हमेशा देशवासियों को सोचने, सवाल करने और आगे बढ़ने का हक दिया। आज उनकी वैचारिक विरासत को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है।”

उन्होंने कहा कि आज जब देश में विचारों की विविधता पर खतरे जताए जा रहे हैं, ऐसे में यह डिजिटल संग्रह भविष्य के लिए महत्वूपर्ण मार्गदर्शक सिद्ध होगा।

युवाओं और शोधकर्ताओं को मिलेगा बड़ा लाभ

डिजिटल आर्काइव के माध्यम से पंडित नेहरू द्वारा लिखे गए लेख, पत्र, भाषण और दुर्लभ दस्तावेज एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म शोधकर्ताओं, छात्रों और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक समृद्ध स्रोत बनेगा।
इस सामग्री को बेहतर तकनीक के साथ संकलित किया गया है ताकि पाठकों को बिना किसी बाधा के यह कंटेंट ऑनलाइन उपलब्ध हो सके।

नेहरू की विरासत और वर्तमान संदर्भ

राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू का दृष्टिकोण सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारत को एक वैज्ञानिक, प्रगतिशील और आधुनिक राष्ट्र के रूप में विकसित करने का सपना देखा था।
उन्होंने कहा—

“भारत का संविधान, हमारी संस्थाएं, हमारी अंतरराष्ट्रीय पहचान… नेहरू जी की सोच पर ही आधारित है। उस सोच को मिटाया नहीं जा सकता।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज के भारत में नेहरू के संदेशों को फिर से समझने और अपनाने की आवश्यकता है, ताकि देश संवाद की संस्कृति और लोकतांत्रिक मर्यादा को और मजबूत कर सके।

कार्यक्रम में वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी

इस अवसर पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, इतिहासकार और साहित्य जगत के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने इसे पंडित नेहरू के बौद्धिक योगदान के संरक्षण की दिशा में एक बड़ी पहल बताया।

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