वॉशिंगटन/कीव। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से एक गुप्त शांति-योजना तैयार की है। इसी रणनीति के तहत अमेरिका ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों को यूक्रेन भेजा है, जो कीव सरकार से युद्ध की मौजूदा स्थिति और संभावित राजनीतिक समाधान पर विस्तृत वार्ता कर रहे हैं। इस मिशन में अमेरिकी सेना सचिव डैन ड्रिस्कॉल, यूएस आर्मी यूरोप/अफ्रीका के कमांडर जनरल क्रिस डोनाह्यू, आर्मी चीफ़ ऑफ स्टाफ जनरल रैंडी जॉर्ज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक यह दौरा ट्रंप के निर्देश पर किया गया है, ताकि “शांति प्रक्रिया को फिर तेज रफ्तार दी जा सके।” रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका जिस फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है, उसमें क्षेत्रीय समायोजन और यूक्रेन की सैन्य क्षमता में कटौती जैसे संवेदनशील बिंदु शामिल हो सकते हैं—जो राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के लिए राजनीतिक और सुरक्षा दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हैं। हालांकि ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका यूक्रेनी जमीन पर कोई जमीनी सैनिक नहीं भेजेगा।
ज़ेलेंस्की ने ट्रंप के साथ हालिया वार्ता को “गंभीर और सकारात्मक” बताया है और सीमित ऊर्जा व नागरिक अवसंरचना पर सीज़फायर की प्रारंभिक सहमति का भी संकेत दिया है। दोनों नेताओं ने तकनीकी टीमों को प्रारूप तैयार करने का निर्देश दिया है। वहीं, अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रूस और यूक्रेन के हितों को संतुलित करने वाली रूपरेखा पर काम कर रहे हैं।
रूस की ओर से इस अमेरिकी पहल पर स्पष्ट प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है, जबकि यूरोपीय देशों के कुछ हिस्सों में इस प्रस्ताव को लेकर संशय है—क्योंकि उन्हें आशंका है कि यह यूक्रेन की संप्रभुता पर समझौता करा सकता है। यूक्रेन के भीतर भी इस योजना को लेकर मतभेद हैं। विश्लेषकों का तर्क है कि सैन्य क्षमता में कटौती की शर्तें लंबे समय में यूक्रेन की सुरक्षा को कमजोर कर सकती हैं।
यह मिशन और गोपनीय योजना इस बात का संकेत है कि ट्रंप प्रशासन युद्ध को सिर्फ सैन्य मोर्चे से नहीं, बल्कि कूटनीतिक दिशा से भी हल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि इस राह में भू-राजनीतिक और रणनीतिक चुनौतियाँ अभी भी बहुत गहरी हैं।





