नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के उपप्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने कहा है कि चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे जहाजों और पनडुब्बियों की आपूर्ति पर नौसेना लगातार निगरानी रखे हुए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नौसेना पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमताओं को और मजबूत कर रही है और जिस प्रकार की सबमरीन पाकिस्तान को मिलने वाली हैं, उसके अनुसार तैयारियां तेज की जा रही हैं। वात्सायन स्वावलंबन 2025 की तैयारी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि “हमें पूरी जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियाँ दे रहा है और यह प्रक्रिया जल्द आगे बढ़ेगी। नौसेना हर गतिविधि पर नजर रख रही है और ASW क्षमताएं हमारी प्रमुख प्राथमिकता हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है और हिंद महासागर में बाहरी शक्तियों की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए सतर्कता और बढ़ा दी गई है। उनके अनुसार, इस क्षेत्र में लगभग 40 से 50 जहाज लगातार सक्रिय रहते हैं, जिनमें कई चीनी जहाज भी शामिल हैं। नौसेना सैटेलाइट, रडार, पटरोल जहाज और उन्नत निगरानी प्रणालियों की मदद से इन गतिविधियों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग कर रही है।
वात्सायन ने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नौसेना इंडिजीनाइजेशन, आधुनिक हथियार प्रणालियों और पनडुब्बी-रोधी तकनीक पर तेज़ी से काम कर रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, चीन–पाकिस्तान की बढ़ती समुद्री साझेदारी क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है और भारतीय नौसेना की यह रणनीति उसी परिदृश्य के अनुरूप है।
चीन-पाकिस्तान सहयोग में तेजी और हिंद महासागर में सक्रियता को देखते हुए भारतीय नौसेना का यह दृष्टिकोण स्पष्ट करता है कि भारत समुद्री सुरक्षा और सामरिक सतर्कता को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।





