पटना: बिहार की राजनीति में चल रही हलचल आज निर्णायक मोड़ ले सकती है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने संकेत दिए हैं कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में एक बार फिर नीतीश कुमार का नाम सर्वसम्मति से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए आज पटना में राजग विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें नीतीश कुमार को औपचारिक रूप से नेता चुने जाने की पूरी संभावना है।
पिछले कई दिनों से गठबंधन के भीतर नेतृत्व और विभागीय जिम्मेदारियों को लेकर मंथन जारी था। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल गठन की राह सुगम करने के लिए विभागों का बंटवारा भी लगभग तय कर लिया गया है। भाजपा और जदयू के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठकों में सहमति बनाई गई है कि प्रमुख मंत्रालयों का वितरण साझेदार दलों की राजनीतिक ताकत और अनुभव को ध्यान में रखते हुए होगा।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा को वित्त, ऊर्जा, सड़क निर्माण और उद्योग जैसे अहम विभाग मिल सकते हैं, जबकि जदयू को गृह, शिक्षा, ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य जैसे प्रमुख मंत्रालय दिए जाने पर सहमति बनती दिख रही है। हालांकि, अंतिम सूची पर मुहर आज या कल लग सकती है, जब नीतीश कुमार के नेतृत्व पर औपचारिक घोषणा हो जाएगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच राजग एक बार फिर स्थिर सरकार के मॉडल को मजबूत करने की कोशिश में है। नीतीश कुमार का दोबारा नेतृत्व संभालना प्रशासनिक निरंतरता और गठबंधन की सहजता का संकेत माना जा रहा है।
वहीं, विपक्ष ने इस बदलाव को अवसरवादी राजनीति करार देते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। महागठबंधन नेताओं का कहना है कि जनता के मुद्दे पीछे छूट गए हैं और सत्ता का समीकरण बदलने में गठबंधन व्यस्त है।
राजग बैठक को लेकर पटना में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। मुख्यमंत्री निवास तथा पार्टी कार्यालयों के बाहर पुलिस बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
यदि आज विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार को नेता चुन लिया जाता है, तो राज्य में नई सरकार के शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। राजनीतिक हलकों में इसे बिहार की सत्ता संरचना के एक और बड़े पुनर्गठन के रूप में देखा जा रहा है।





