देहरादून। राज्य में बढ़ते सड़क हादसों को रोकने और यातायात व्यवस्था को सुरक्षित बनाने के लिए सोमवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की अहम बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं बैठक की अध्यक्षता करते हुए सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी आयामों की विस्तृत समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश
सीएम धामी ने कहा कि सड़क सुरक्षा किसी एक विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे तंत्र का सामूहिक कर्तव्य है। उन्होंने पीडब्ल्यूडी, पुलिस, परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आपदा प्रबंधन विभागों को समान गति और समन्वय के साथ काम करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सड़क हादसे केवल आंकड़े नहीं, बल्कि मानवीय जीवन से जुड़ी गहरी पीड़ा हैं—इसलिए हर स्तर पर तेजी से सुधार किए जाएं।
ब्लैक स्पॉट्स पर तुरंत सुधार
बैठक में प्रदेश के प्रमुख ब्लैक स्पॉट्स की सूची प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि ऐसे स्थानों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सड़क चौड़ीकरण, संकेतक बोर्ड, स्पीड ब्रेकर, गार्डरेल और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए।
युवाओं में जागरूकता पर फोकस
परिषद ने स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा पर विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं में जागरूकता बढ़ाना ही समाज को सुरक्षित बनाने की सबसे मजबूत नींव है।
गोल्डन आवर में उपचार सुनिश्चित होगा
हादसों के बाद ‘गोल्डन आवर’ में उपचार सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों, एंबुलेंस सेवाओं और हेल्पलाइन सिस्टम को और मजबूत बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी त्वरित चिकित्सा पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।
तकनीक से बेहतर होगी सड़क सुरक्षा
सीएम धामी ने सीसीटीवी, ANPR कैमरे, और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग बढ़ाने को कहा। उनका मानना है कि आधुनिक तकनीक दुर्घटनाओं को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
मासिक समीक्षा अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने कार्यों की मासिक समीक्षा करें और प्रगति रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करें।
इस बैठक से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में राज्य की सड़क सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत होगी तथा दुर्घटनाओं की संख्या में प्रभावी कमी आएगी।





