ढाका।
बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ चल रहे बहुचर्चित मामले में आज विशेष न्यायाधिकरण अपना फैसला सुनाने जा रहा है। राजनीतिक और कानूनी रूप से अत्यंत संवेदनशील इस मामले पर देश-दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। सरकारी अभियोजकों ने अदालत से कठोरतम दंड की मांग करते हुए कहा है कि देश के कानून और लोकतांत्रिक मूल्यों पर “गंभीर आघात” पहुंचाने वाले अपराधों के लिए हसीना को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।
मामला उस आपराधिक अभियोजन से जुड़ा है, जिसमें शेख हसीना पर सत्ता में रहते हुए भ्रष्टाचार, मनमानी और विपक्षी नेताओं के दमन सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अपदस्थ होने के बाद से वह न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रही हैं। सरकारी पक्ष का कहना है कि हसीना और उनके सहयोगियों द्वारा कथित अवैध गतिविधियों ने न केवल संवैधानिक संस्थानों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया, बल्कि शासन व्यवस्था को भी अस्थिर किया।
अभियोजन पक्ष ने न्यायाधिकरण के समक्ष तर्क दिया कि आरोपी के खिलाफ प्रस्तुत सबूत “अखण्ड और निर्णायक” हैं। सरकारी वकीलों ने दावा किया कि वित्तीय अनियमितताओं से लेकर अधिकारों के दुरुपयोग तक, कई मामलों में हसीना को प्रत्यक्ष रूप से शामिल पाया गया है। उनका कहना है कि यदि ऐसे गंभीर अपराधों पर कठोर दंड नहीं दिया गया, तो यह कानून व्यवस्था और न्याय व्यवस्था के लिए गलत संदेश होगा।
दूसरी ओर, शेख हसीना की कानूनी टीम ने आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। बचाव पक्ष का तर्क है कि अपदस्थ होने के बाद विपक्षी समूहों ने कानूनी प्रक्रिया का “दुरुपयोग” करते हुए हसीना को निशाना बनाया है। उनका कहना है कि प्रस्तुत सबूत संदिग्ध, परिस्थिति-जन्य और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं, जिन्हें अदालत में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
फैसले को लेकर ढाका सहित कई शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आसपास के संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। भीड़ नियंत्रण के लिए रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) को भी अलर्ट पर रखा गया है। सरकार ने आशंका जताई है कि फैसले के बाद किसी भी पक्ष की प्रतिक्रिया से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला बांग्लादेश की राजनीति के अगले अध्याय को निर्णायक रूप से प्रभावित करेगा। चाहे सजा हो या राहत, दोनों ही स्थितियाँ देश के राजनीतिक समीकरणों पर गहरा असर डालेंगी। न्यायाधिकरण का यह फैसला आज दोपहर तक आने की संभावना है और इसके बाद बांग्लादेश की सियासत में हलचल और तेज होना तय है।





