Wednesday, November 12, 2025

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आज होगी कैबिनेट बैठक, उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर नजरें

देहरादून। प्रदेश सरकार की प्रस्तावित कैबिनेट बैठक आज (बुधवार) आयोजित होगी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बैठक में सबसे चर्चित एजेंडा उपनल (Uttarakhand Purva Sainik Kalyan Nigam Limited) कर्मचारियों के नियमितीकरण का हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस दिशा में कोई ठोस फार्मूला तय कर सकती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में आरक्षण से जुड़ा पेच अब भी अटका हुआ है, जिससे निर्णय में देरी की आशंका बनी हुई है।
कर्मचारियों की हड़ताल जारी
प्रदेश में उपनल कर्मचारियों की लंबित मांगों पर अब तक अमल न होने से नाराज कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मंगलवार को उन्होंने देहरादून के परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की शासन स्तर पर हुई वार्ता भी निष्फल रही। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होता, तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ की मांग
उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा कि सरकार लगातार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद न तो कर्मचारियों का नियमितीकरण हुआ और न ही उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया गया। उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाएं प्रभावित होने से कई आवश्यक सेवाएं भी ठप हो गई हैं।
सरकार से वार्ता बेनतीजा
महासंघ के महामंत्री विनय प्रसाद के मुताबिक, कर्मचारियों को गृह सचिव शैलेश बगौली ने वार्ता के लिए बुलाया था। वार्ता के दौरान यह आश्वासन दिया गया कि “समान कार्य के लिए समान वेतन” को लेकर जल्द आदेश जारी होगा और नियमितीकरण पर भी शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। लेकिन कर्मचारियों ने दोहराया है कि बिना लिखित आश्वासन और आदेश के वे आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे।
अन्य प्रस्ताव भी एजेंडे में
कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों के अलावा साइलेज नीति में संशोधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, और शहरी विकास से संबंधित कई प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी। प्रदेश सरकार के लिए यह बैठक अहम मानी जा रही है, क्योंकि एक ओर कर्मचारियों का आंदोलन दबाव बना रहा है, वहीं दूसरी ओर आरक्षण व्यवस्था को लेकर संवैधानिक संतुलन बनाना सरकार के लिए चुनौती साबित हो रहा है।
यदि सरकार आज की बैठक में उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण पर कोई निर्णय लेती है, तो यह प्रदेश के हजारों अस्थायी कर्मचारियों के लिए राहत भरा कदम साबित हो सकता है। हालांकि, आरक्षण का पेच इस पर अंतिम मुहर लगाने में बड़ी बाधा बन सकता है।

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