नई दिल्ली। भारत और बेल्जियम के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से तीसरे दौर की विदेश कार्यालय परामर्श (Foreign Office Consultations) बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई। इस उच्चस्तरीय वार्ता में दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा सहयोग और तकनीकी नवाचार सहित कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने किया, जबकि बेल्जियम पक्ष का नेतृत्व विदेश मामलों के महानिदेशक फ्रेडरिक म्यूलर ने किया। बैठक में द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा के साथ-साथ यूरोपीय संघ (EU) और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में व्यापार और निवेश के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। दोनों देशों ने यह स्वीकार किया कि हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल नवाचार और रत्न-आभूषण क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में संयुक्त कार्य समूह गठित करने पर भी सहमति बनी।
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में, भारत और बेल्जियम ने समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, दोनों देशों ने उच्च तकनीकी रक्षा उपकरणों और अनुसंधान के क्षेत्र में साझा निवेश और उत्पादन की संभावनाओं पर भी चर्चा की।
तकनीकी और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के तहत शिक्षा, स्टार्टअप और अंतरिक्ष अनुसंधान में संयुक्त परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने पर सहमति जताई गई। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक और जनसंपर्क संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में भी कदम उठाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और बेल्जियम के बीच यह संवाद दोनों देशों के दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा। अगले चरण की बैठक बेल्जियम में आयोजित की जाएगी, जिसमें अब तक हुई प्रगति की समीक्षा और नए सहयोग क्षेत्रों पर रूपरेखा तय की जाएगी।





