Thursday, October 30, 2025

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‘राजनीतिक ताकत के रूप में करें अपनी सामूहिक शक्ति का इस्तेमाल’ — महिलाओं से बोलीं प्रियंका गांधी

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं से आह्वान किया है कि वे अपनी सामूहिक शक्ति को राजनीतिक ताकत के रूप में इस्तेमाल करें और देश की नीतियों को दिशा देने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि महिलाएं केवल मतदाता नहीं, बल्कि बदलाव की सबसे बड़ी शक्ति हैं, और अगर वे एकजुट होकर निर्णय लें तो देश की राजनीति की तस्वीर बदल सकती है।

प्रियंका गांधी गुरुवार को लखनऊ में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर उन्होंने कहा, “महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं — चाहे वह शिक्षा हो, रोजगार हो या उद्यमिता। लेकिन राजनीति में उनका प्रतिनिधित्व आज भी सीमित है। अब समय आ गया है कि महिलाएं अपनी आवाज खुद बुलंद करें और अपनी सामूहिक शक्ति को राजनीतिक रूप में संगठित करें।”

उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। “आपके भीतर जो ताकत है, वही देश की असली ताकत है। जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तो समाज और राष्ट्र दोनों मजबूत होते हैं,” प्रियंका गांधी ने कहा।

कार्यक्रम में उन्होंने महिलाओं से राजनीति में सक्रिय भागीदारी का आग्रह करते हुए कहा कि केवल मतदान करना पर्याप्त नहीं है — नीति निर्माण और निर्णय प्रक्रिया में भी महिलाओं की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि “राजनीति पुरुषों का विशेषाधिकार नहीं है, यह समाज की सेवा का माध्यम है, और इसमें महिलाओं की भागीदारी से ही संवेदनशीलता और संतुलन आ सकता है।”

प्रियंका गांधी ने महिलाओं से कहा कि वे स्थानीय स्तर पर संगठित होकर अपनी समस्याओं और मांगों को मुखर करें। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के मुद्दों पर महिलाओं की भूमिका को निर्णायक बताया।

कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान शासन में महिलाओं के मुद्दों को न तो प्राथमिकता दी जा रही है और न ही उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सरकार के दावों और जमीनी हकीकत में बहुत फर्क है। महिलाएं आज भी असुरक्षित हैं, रोजगार के अवसर घट रहे हैं और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है।”

कार्यक्रम के अंत में प्रियंका गांधी ने उपस्थित महिलाओं से आग्रह किया कि वे आने वाले चुनावों में अपने वोट की ताकत को केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक बदलाव के हथियार के रूप में इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, “अगर महिलाएं एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएंगी, तो कोई भी सरकार उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर पाएगी।”

प्रियंका गांधी का यह संबोधन महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ राजनीतिक सहभागिता को लेकर कांग्रेस के व्यापक अभियान का हिस्सा माना जा रहा है।

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