Thursday, October 23, 2025

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन की प्रतिमा का किया अनावरण, बोलीं — उनका जीवन संघर्ष और प्रेरणा का प्रतीक

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि नारायणन का जीवन देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में शिक्षा, ईमानदारी और सार्वजनिक सेवा के माध्यम से जो ऊंचाइयां हासिल कीं, वह भारतीय लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की शक्ति का प्रमाण है।
कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन परिसर में किया गया, जहां कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, वरिष्ठ अधिकारी और नारायणन के परिजन भी उपस्थित रहे। प्रतिमा का अनावरण करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “के. आर. नारायणन ने न केवल राष्ट्रपति के रूप में देश की गरिमा को ऊंचा किया, बल्कि उन्होंने आम नागरिकों की आकांक्षाओं को आवाज दी। उनका जीवन दिखाता है कि कठिनाइयों के बावजूद दृढ़ संकल्प और परिश्रम से सफलता प्राप्त की जा सकती है।”

उन्होंने कहा कि नारायणन भारतीय लोकतंत्र के उस आदर्श उदाहरण हैं, जिन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय और समानता की भावना को मजबूत किया। “उनकी विनम्रता, दूरदर्शिता और नीतिगत स्पष्टता आज भी सार्वजनिक जीवन के लिए मार्गदर्शक हैं,” राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा।
पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन (1921–2005) देश के दसवें राष्ट्रपति थे और उन्होंने 1997 से 2002 तक यह पद संभाला था। वे स्वतंत्र भारत के पहले दलित राष्ट्रपति के रूप में भी इतिहास में दर्ज हैं। राष्ट्रपति बनने से पहले उन्होंने एक लंबे समय तक राजनयिक, शिक्षाविद और सांसद के रूप में सेवा दी थी।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने नारायणन की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि उनका जीवन भारतीय समाज में समान अवसर और सामाजिक समरसता की दिशा में प्रेरक राह दिखाता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नई पीढ़ी नारायणन के आदर्शों से सीख लेकर देश की प्रगति में अपना योगदान देगी।

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