वॉशिंगटन। अमेरिकी नागरिक और आव्रजन विभाग (USCIS) ने H-1B वीजा धारकों और नियोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किए हैं। USCIS ने स्पष्ट किया है कि यदि वीजा धारक की प्रवास अवधि बढ़ाई जाती है, तो उन्हें या उनके नियोक्ताओं को 88 लाख रुपये (लगभग 1 लाख अमेरिकी डॉलर) का अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। इसके साथ ही 19 सितंबर को जारी किए गए आदेश की विशेष छूट और प्रावधानों पर भी अब पूरी तरह स्पष्टता आ गई है।
अमेरिका में काम कर रहे H-1B वीजा धारकों के लिए यह खबर एक राहत है। USCIS ने कहा कि वीजा अवधि बढ़ाने या विस्तार करने की प्रक्रिया में प्रवासी या नियोक्ता पर किसी अतिरिक्त शुल्क का बोझ नहीं पड़ेगा, बशर्ते कि वे पहले निर्धारित नियमों के अनुसार आवेदन करें। इस कदम से कंपनियों को भी कर्मचारियों के वीजा विस्तार में अनावश्यक आर्थिक दबाव से राहत मिलेगी।
USCIS ने स्पष्ट किया कि 19 सितंबर को जारी आदेश में जो नई फीस और प्रक्रियागत बदलाव प्रस्तावित किए गए थे, उन पर H-1B वीजा धारकों को छूट दी गई है। इसका मतलब यह है कि इस आदेश की वजह से किसी वीजा विस्तार या नए आवेदन में वेतन सीमा या अतिरिक्त शुल्क की बाध्यता लागू नहीं होगी।
USCIS ने कंपनियों को निर्देश दिया कि वे अपने H-1B कर्मचारियों के वीजा विस्तार में नवीनतम नियमों का पालन करें और किसी भी स्थिति में अतिरिक्त शुल्क वसूलने से बचें। इसके अलावा, H-1B वीजा के प्रारंभिक आवेदन, लेट फाइलिंग या अद्यतन दस्तावेज़ के मामले में भी यह छूट लागू रहेगी।
आव्रजन विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम तकनीकी कंपनियों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए बड़ा राहत देने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि पिछले आदेशों में अस्पष्टता के कारण कई कंपनियों को वेतन और शुल्क की दृष्टि से अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा था। अब स्पष्ट दिशानिर्देश से H-1B कर्मचारियों की नौकरी और नियोक्ता के प्रशासनिक निर्णय आसान होंगे।
H-1B वीजा अमेरिका में विदेशी पेशेवरों को विशेषज्ञ क्षेत्रों में काम करने का अवसर देता है। तकनीकी और आईटी कंपनियों में इसकी मांग बहुत अधिक है। नवीनतम दिशानिर्देश से न केवल कर्मचारियों को सुरक्षा का अहसास होगा, बल्कि अमेरिकी कंपनियों को भी टैलेंट बनाए रखने और वीजा प्रक्रिया में आसानी होगी।





