Wednesday, October 22, 2025

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उत्तराखंड: बारिश ने धो दिया प्रदूषण, निखरी दून की आबोहवा — इस अक्तूबर में 75% अधिक बरसे मेघ

देहरादून। अक्तूबर महीने में लगातार हुई बारिश ने उत्तराखंड की आबोहवा को नई ताजगी दे दी है। एक ओर जहां इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर बारिश ने वायुमंडल में फैले धूल-कणों और प्रदूषकों को धोकर हवा को स्वच्छ बना दिया। दीपावली से पहले प्रदेश के कई इलाकों, खासकर देहरादून की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है। मौसम विभाग के आंकड़े इसकी पुष्टि कर रहे हैं।

एक्यूआई में दर्ज हुआ बड़ा सुधार

वर्ष 2025 में अब तक दून की हवा पिछले दो वर्षों की तुलना में काफी बेहतर रही है। 12 अक्तूबर 2025 को देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 49 दर्ज किया गया, जो 2024 के इसी दिन 54 और 2023 में 89 था। यानी इस साल की हवा अधिक स्वच्छ और सांस लेने योग्य रही।

इसी तरह, सूक्ष्म कणों के स्तर में भी स्पष्ट गिरावट आई है। इस साल 12 अक्तूबर को पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 29.24 और पीएम 10 का स्तर 33.51 दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष इन्हीं तिथियों पर ये क्रमशः 28.57 और 53.72 तक पहुंच गए थे।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के अनुसार, “बारिश एक प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर की तरह काम करती है। लगातार हुई वर्षा से वातावरण में मौजूद धूल और प्रदूषक तत्व जमीन पर बैठ जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता स्वतः सुधर जाती है।”

बीते साल दीपावली के बाद बिगड़ी थी हवा

2024 में दीपावली के अगले ही दिन दून की हवा बेहद प्रदूषित हो गई थी। 31 अक्तूबर 2024 को एक्यूआई 333 तक पहुंच गया था, जो “गंभीर श्रेणी” में आता है। उस दिन पीएम 2.5 का स्तर 163.48 और पीएम 10 का स्तर 205.03 दर्ज किया गया था।

पिछले साल दीपावली से पहले ही बिगड़ने लगी थी आबोहवा

बीते वर्ष दीपावली से एक सप्ताह पहले ही दून की हवा बिगड़ने लगी थी। 22 अक्तूबर 2024 को शहर का एक्यूआई 175 दर्ज हुआ था, जो “मध्यम से खराब श्रेणी” में था। उस दिन पीएम 2.5 का स्तर 82.35 और पीएम 10 का 125.39 था।

इस साल रिकॉर्ड तोड़ बारिश

इस वर्ष की बारिश ने कई जिलों में पिछले रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिए हैं। देहरादून में अब तक सामान्य से 56 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। वहीं बागेश्वर जिले में 314 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है, जहां 16 अक्तूबर तक कुल 67.5 मिमी वर्षा हुई। चमोली जिले में भी स्थिति कुछ ऐसी ही रही — यहां 52.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 279 फीसदी ज्यादा है।

दीपावली से पहले राहत की सांस

बारिश से सड़कें और बाजार भले ही भीग गए हों, लेकिन इससे पहले की तरह दीपावली से पहले धुंध और धुएं की परत नहीं दिखी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आगामी दिनों में मौसम स्थिर रहा और पटाखों का सीमित प्रयोग हुआ, तो इस बार दून की दीपावली पिछली बारों से कहीं अधिक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण में मनाई जाएगी।

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