बिश्केक। भारत और मध्य एशियाई देशों ने गुरुवार को अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चर्चा की और इस बात पर सहमति जताई कि क्षेत्र की शांति, स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम करना आवश्यक है। यह बैठक किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में आयोजित भारत-मध्य एशिया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और सुरक्षा परिषद सचिवों की तीसरी बैठक थी।
भारत की ओर से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने किया। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बैठक में आतंकवाद, उग्रवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
अफगानिस्तान में तनाव पर चिंता, शांति प्रयासों पर जोर
हाल के दिनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़े सैन्य संघर्ष को देखते हुए बैठक में अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई गई। यह तनाव तब बढ़ा जब पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया और उसके जवाब में अफगानिस्तान ने कड़ी कार्रवाई की। इसके बाद बुधवार को दोनों देशों ने अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई।
बैठक में सभी देशों ने यह माना कि अफगानिस्तान की स्थिरता पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है और इसके लिए क्षेत्रीय सहयोग और संवाद को बढ़ाना होगा।
डोभाल की द्विपक्षीय मुलाकातें और रणनीतिक वार्ता
अजीत डोभाल ने बिश्केक में किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सादिर झापारोव से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान और किर्गिस्तान के सुरक्षा परिषद सचिवों के साथ द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। इन बैठकों में क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति और आर्थिक साझेदारी पर भी चर्चा हुई।
चीन ने दी स्थायी शांति की अपील
इसी बीच चीन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए अस्थायी युद्धविराम का स्वागत किया और दोनों पक्षों से स्थायी और व्यापक शांति समझौते की अपील की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि बीजिंग दोनों पक्षों से संयम बरतने और संवाद के माध्यम से मतभेद सुलझाने का आग्रह करता है। चीन ने यह भी कहा कि वह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा।
कूटनीतिक प्रयास और विवादित आरोप
चीन लंबे समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों के साथ करीबी संबंध रखता है और उसने दोनों देशों के बीच संवाद बनाए रखने के लिए त्रिपक्षीय वार्ता तंत्र भी स्थापित किया है। यह पहल विशेष रूप से पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान पर टीटीपी और बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे आतंकवादी संगठनों को शरण देने के आरोप के बाद की गई। अफगान तालिबान ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है और कहा कि पाकिस्तान की हवाई हमलों और आक्रामक कार्रवाइयों ने मौजूदा तनाव पैदा किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और मध्य एशियाई देशों की यह बैठक क्षेत्रीय सहयोग और शांति स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बैठक ने यह संदेश भी दिया कि साझा संवाद और रणनीतिक समन्वय से अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र में स्थिरता लाई जा सकती है।
भारत और मध्य एशियाई देशों ने अफगानिस्तान की स्थिति पर की रणनीतिक चर्चा, शांति और स्थिरता पर जोर
