Friday, October 24, 2025

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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: विपक्षी गठबंधन के एलान से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव, 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज़ हो चुकी है। चुनावी मैदान में सभी दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को बड़ा दांव खेलते हुए अपने 48 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ के सीट बंटवारे पर अभी फैसला नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस के इस कदम ने स्पष्ट संकेत दे दिया है कि पार्टी इस बार राज्य में अपनी सियासी उपस्थिति मज़बूत करने के इरादे से मैदान में उतर चुकी है।
कांग्रेस ने यह सूची ऐसे समय में जारी की है जब इंडिया गठबंधन के घटक दलों – राष्ट्रीय जनता दल (RJD), वामपंथी पार्टियां और अन्य छोटे दलों के बीच सीट शेयरिंग पर बातचीत जारी है। औपचारिक समझौते से पहले ही कांग्रेस का यह कदम गठबंधन के भीतर एक राजनीतिक संदेश माना जा रहा है कि पार्टी अब बिहार में अपनी साख और संगठन को लेकर गंभीर है।
कांग्रेस की ओर से जारी सूची के अनुसार, पहले चरण के लिए 21 और दूसरे चरण के लिए 27 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। पार्टी ने विभिन्न सामाजिक वर्गों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व पर खास ध्यान दिया है। सूची में कई अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) सीटों पर उम्मीदवारों को मौका दिया गया है।
जारी सूची में बथनाहा (एससी) सीट से इंजीनियर नवीन कुमार, कोरहा (एससी) से पूनम पासवान, और मनीहारी (एसटी) से मनोहर प्रसाद सिंह के नाम शामिल हैं। वहीं, खगड़िया से डॉ. चंदन यादव, भागलपुर से अजीत कुमार शर्मा, और औरंगाबाद से आनंद शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सूची बिहार में संगठन की मजबूती और पार्टी के आत्मविश्वास को दर्शाती है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी का लक्ष्य राज्य में स्वतंत्र पहचान बनाते हुए गठबंधन के भीतर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाना है।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया, “कांग्रेस अब किसी प्रतीक्षा की मुद्रा में नहीं है। हम गठबंधन में रहते हुए भी पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं।”
कांग्रेस की इस घोषणा के बाद अब विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में इस पर औपचारिक ऐलान हो सकता है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने यह सूची जारी कर एक रणनीतिक दबाव बनाया है, जिससे उसे सीटों की संख्या बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
बहरहाल, बिहार की राजनीति में कांग्रेस के इस कदम ने चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है। अब देखना यह होगा कि गठबंधन के अन्य घटक दल इस पर क्या रुख अपनाते हैं।

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