सुप्रीम कोर्ट ने राज्य उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों के चयन के लिए लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा की आवश्यकता को ताक पर रखते हुए तय किया है। यह फैसला निर्दिष्ट करता है कि परीक्षा के आधार पर ही नियुक्ति होनी चाहिए, बिना किसी अन्य चयन की आवश्यकता के। यह निर्देश आयोगों के अध्यक्षों के चयन में पारदर्शिता और प्रारंभिक गुणात्मक मूल्यांकन को बढ़ावा देगा। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नियुक्तियां परिणामकारी और न्यायसंगत हों।
इस समय, जिला उपभोक्ता आयोगों के अध्यक्षों के चयन में परीक्षा के लिए छूट नहीं होगी। इससे वास्तविक योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी और अयोग्य उम्मीदवारों का प्रवेश रोका जाएगा। यह फैसला आयोगों के चयन प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगा और न्यायसंगत नियुक्तियों को सुनिश्चित करेगा।