भारत ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में उठाने के बाद खुद को समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र में जवाब दिया है। यह उत्तर पाकिस्तान की धारावाहिकता को उजागर करने और उसे अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड की ओर मोड़ने का एक प्रयास है। भारत ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के पास इस मुद्दे पर कोई निर्माणात्मक या संवैधानिक उपाय नहीं हैं और उसने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इसे अपना रवैया बना लिया है।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाया है और आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता को जोर दिया है। यह संदेश यह दिखाता है कि भारत ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और पाकिस्तान को अपने वास्तविक मानवाधिकारों को लेकर सजग रहने की आवश्यकता है।