नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के फैसले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की “रणनीतिक चुप्पी” भारतीय आईटी पेशेवरों और उद्योग जगत पर भारी पड़ रही है।
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एच-1बी वीजा शुल्क में बढ़ोतरी से अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा। इसका असर भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता पर भी पड़ेगा। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने सवाल उठाया कि जब यह मुद्दा भारत के करोड़ों युवाओं और उद्योग से जुड़ा है, तब प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर अब तक कोई स्पष्ट बयान क्यों नहीं दिया।
‘रणनीतिक चुप्पी’ बना बोझ
कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की रणनीतिक चुप्पी अब देश के लिए बोझ साबित हो रही है। पार्टी का आरोप है कि विदेश यात्राओं और बड़ी घोषणाओं के बावजूद सरकार ठोस कूटनीतिक प्रयास करने में विफल रही है।
आईटी सेक्टर पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि वीजा शुल्क बढ़ने से अमेरिका में प्रोजेक्ट चलाने वाली भारतीय आईटी कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी। इसका सीधा असर उनकी आय और कर्मचारियों की नियुक्ति पर पड़ सकता है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार को तुरंत अमेरिकी प्रशासन के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए ताकि भारतीय पेशेवरों के हितों की रक्षा हो सके।
विपक्ष का हमला तेज
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार सिर्फ दिखावटी कूटनीति कर रही है, जबकि असली चुनौतियों पर आंखें मूंदे हुए है। पार्टी नेताओं ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि प्रधानमंत्री देश को स्पष्ट करें कि इस बढ़ी हुई वीजा फीस से भारतीय कंपनियों और पेशेवरों को राहत दिलाने के लिए उनकी सरकार क्या कदम उठाने जा रही है।
👉 एच-1बी वीजा शुल्क पर कांग्रेस के इस हमले ने न केवल राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है, बल्कि आईटी सेक्टर से जुड़े सवालों को भी केंद्र में ला दिया है।





