डीएमके नेता ए. राजा के बयान का विवाद उत्पन्न हो गया है जिसमें उन्होंने भारत को लेकर एक अप्रस्तुत विचार व्यक्त किया है। इस बयान ने कई विवादों को उत्पन्न किया है, विशेष रूप से जिनमें समाज के विभिन्न समूहों ने इसे अपरिचित और अनादरणीय माना है। उनका बयान विभाजन, आपसी विवाद और राष्ट्रवाद के मुद्दों को तेजी से बढ़ावा देने का आरोप लगाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे उदयनिधि स्टालिन को सनातन विरोधी बयानबाजी के मामले में फटकार लगाई है। उन्हें यह याद दिलाया गया है कि उन्हें अपने बयानों के परिणामों को समझने और उनकी प्रक्रिया में बदलाव करने की जरूरत है। राजनीतिक नेताओं को अपने विचारों को जिम्मेदारीपूर्वक और सावधानी से व्यक्त करने की आवश्यकता होती है ताकि समाज के साथ अच्छे संबंध बनाए रह सकें।