प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी के मामले दिखाई दे रहे हैं, इसलिए सरकार इस प्रक्रिया में परिवर्तन करने का निर्णय ले रही है। अब शिक्षकों की भर्ती राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की जा सकेगी। इसके लिए उच्च शिक्षा समिति गठित की गई है, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों की शामिलता है। इस समिति का उद्देश्य पारदर्शिता और न्याय को सुनिश्चित करना है।
कैबिनेट में लिया गया निर्णय है कि माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती पर भी यही समिति निर्णय लेगी। यह समिति यह भी निर्धारित करेगी कि क्या इसके लिए अलग से आयोग बनाया जाए या फिर राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से भर्ती की जाए।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, समिति के पूर्व बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 21 अशासकीय महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए अलग से आयोग बनाया जाएगा। इससे बचत होगी। उत्तराखंड में पहले से ही राज्य लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग हैं, जिनसे भर्ती की जाती है।
इसके अलावा, समिति द्वारा पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए अन्य कदमों पर भी विचार किया जा रहा है। इससे शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में सुधार हो सकेगा।