ब्रसेल्स।
यूरोपीय संघ (EU) की प्रमुख और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, यूरोपीय संसद में उनके खिलाफ एक नया अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है। अगर ऐसा हुआ तो उन्हें संसद में कड़े राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
जानकारी के मुताबिक, यूरोपीय संसद के कुछ धड़े उर्सुला की नीतियों और हाल के फैसलों से असंतुष्ट हैं। खासकर आव्रजन नीति, हरित ऊर्जा योजनाओं की गति और यूक्रेन संकट से निपटने की रणनीति पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि उर्सुला का नेतृत्व सदस्य देशों के बीच संतुलन साधने में विफल रहा है और इससे संघ की एकजुटता प्रभावित हो रही है।
यूरोपीय संसद के नियमों के तहत किसी भी अविश्वास प्रस्ताव पर विचार तभी किया जाता है, जब उसे न्यूनतम आवश्यक संख्या में सांसदों का समर्थन प्राप्त हो। मौजूदा हालात में कई सांसद इस प्रस्ताव को समर्थन देने के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनके पास बहुमत जुटाने के लिए पर्याप्त संख्या है या नहीं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव पेश होता है तो यह वॉन डेर लेयेन की छवि और नेतृत्व क्षमता पर सीधा प्रहार होगा। हालांकि, पिछले अनुभवों को देखते हुए उनके पद से हटने की संभावना कम ही मानी जा रही है, क्योंकि यूरोपीय संसद में उन्हें अभी भी पर्याप्त समर्थन हासिल है।
इस घटनाक्रम पर ब्रुसेल्स के कूटनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही अविश्वास प्रस्ताव पारित न हो, लेकिन इस पूरे विवाद से यूरोपीय आयोग की कार्यप्रणाली और उर्सुला के नेतृत्व पर सवाल जरूर खड़े होंगे।