नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित नए टैरिफ को लेकर भारत में उठ रही चिंताओं पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि स्थिति को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच लगातार बातचीत चल रही है और सभी मुद्दों को राजनयिक और आर्थिक स्तर पर सुलझाया जा रहा है।
गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बेहद गहरे और बहुआयामी हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में किसी भी प्रकार का मतभेद बातचीत और समझदारी से दूर किया जा सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि भविष्य में भी भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे।
वाणिज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत सरकार अपने उद्योगों और कारोबारियों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अगर टैरिफ से संबंधित कोई नई स्थिति बनती है, तो उसके लिए भी ठोस रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बुनियाद पर खड़ी है और बाहरी दबावों से डरने की जरूरत नहीं है।
गोयल ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने निर्यातकों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठकों का सिलसिला तेज कर दिया है ताकि उनकी समस्याओं और चिंताओं को समझा जा सके। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना है और इसके लिए घरेलू उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की व्यापार नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था पर कुछ हद तक असर डाल सकती हैं, लेकिन लंबे समय में भारत अपने विविधीकृत व्यापार संबंधों और आंतरिक मांग के बल पर संतुलन बनाए रखेगा।
अमेरिकी टैरिफ को लेकर जहां कुछ उद्योग जगत में चिंता जताई जा रही है, वहीं सरकार का रुख स्पष्ट है कि यह चुनौती अस्थायी है और बातचीत से हल निकल आएगा।