देहरादून।
लगातार बारिश और भूगर्भीय हलचलों ने पहाड़ के कई गांवों में लोगों की नींद उड़ा दी है। पहाड़ धंसने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे न केवल ग्रामीण इलाकों बल्कि मुख्य राजमार्गों की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है। ताजा हालात यह हैं कि कई गांवों में घरों की नींव और दीवारों में चौड़ी दरारें पड़ गई हैं, वहीं हाईवे पर भी बड़ी-बड़ी दरारें साफ दिखाई देने लगी हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि धरती का धंसना दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है। कई परिवारों ने सुरक्षा के डर से अपने पुश्तैनी घर रातोंरात खाली कर दिए और रिश्तेदारों या सुरक्षित स्थानों पर शरण ले ली। कुछ जगहों पर घरों की दीवारें झुकने लगी हैं और खेतों में भी दरारें उभर आई हैं, जिससे स्थिति और भयावह हो गई है।
प्रशासन अलर्ट पर
प्रशासनिक टीमें प्रभावित गांवों का लगातार सर्वे कर रही हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों को भी मौके पर भेजा गया है ताकि धंसान के वास्तविक कारणों की जांच की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बारिश के कारण मिट्टी की नमी बढ़ने से भूस्खलन और दरारें तेज़ी से फैल रही हैं। कई जगहों पर पानी की निकासी सही न होने से हालात और गंभीर हो रहे हैं।
हाईवे पर भी संकट
मुख्य मार्गों और राजमार्गों पर आई दरारों से यातायात व्यवस्था प्रभावित होने का खतरा है। कई वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से डायवर्ट करना पड़ा है। ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
लोगों में गहरी दहशत
गांव छोड़ने वालों का कहना है कि दरारें इतनी चौड़ी हो चुकी हैं कि जमीन खिसकने का डर हर पल बना रहता है। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को देखते हुए उन्होंने घर खाली करना ही बेहतर समझा। वहीं, जिन परिवारों ने अभी तक घर नहीं छोड़े हैं, वे भी लगातार खौफ में जी रहे हैं।