वॉशिंगटन।
अमेरिका में होने वाले आगामी राष्ट्रपति चुनावों से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़े चुनावी बदलाव की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि वे सत्ता में लौटते हैं तो चुनावी प्रक्रिया में सख्त नियम लागू किए जाएंगे। इसमें मतदाताओं के लिए वोटर पहचान पत्र (Voter ID Card) अनिवार्य करना और डाक से मतदान (Mail-in Ballot) की व्यवस्था पर प्रतिबंध लगाना शामिल है।
ट्रंप का मानना है कि अमेरिकी चुनावों में पारदर्शिता और विश्वसनीयता तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब हर मतदाता की पहचान कड़ी जांच के बाद तय हो। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बार डाक से मतदान की प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी और अनियमितताएं हुई थीं, जिससे चुनावी नतीजों पर असर पड़ा।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषण में कहा कि वोटिंग प्रक्रिया को ‘फूलप्रूफ’ बनाना उनका प्राथमिक लक्ष्य है। इसके लिए वे मतदाता पहचान पत्र को हर अमेरिकी नागरिक के लिए जरूरी करेंगे। साथ ही, वे डाक से मतदान की जगह केवल प्रत्यक्ष (in-person) वोटिंग की व्यवस्था को प्रोत्साहित करेंगे।
इस प्रस्ताव ने अमेरिकी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। जहां रिपब्लिकन पार्टी के कई नेता इसे चुनावी सुधार के लिए जरूरी बता रहे हैं, वहीं डेमोक्रेट्स इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला मान रहे हैं। उनका कहना है कि डाक से मतदान पर रोक लगाने से दूर-दराज़ और बुजुर्ग मतदाताओं के अधिकार प्रभावित होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप यह व्यवस्था लागू करते हैं, तो यह अमेरिकी चुनावी इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव होगा। इसके दूरगामी राजनीतिक और सामाजिक असर भी देखने को मिल सकते हैं।