नई दिल्ली। स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम को नई गति देने की दिशा में बड़ा कदम उठने जा रहा है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अगले महीने भारतीय वायुसेना को दो तेजस मार्क-1ए विमान सौंपने जा रही है। यह जानकारी रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने दी। उन्होंने बताया कि सरकार और एचएएल के बीच 97 अतिरिक्त तेजस विमानों की खरीद के लिए अनुबंध जल्द ही संपन्न होने वाला है।
रक्षा सचिव के मुताबिक, वायुसेना के बेड़े में स्वदेशी विमानों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ तकनीकी मजबूती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। तेजस मार्क-1ए संस्करण आधुनिक तकनीक और अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एयर-टू-एयर मिसाइल, बेहतर रडार और लंबी मारक क्षमता जैसी खूबियां हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस के शामिल होने से वायुसेना की क्षमता में महत्वपूर्ण इजाफा होगा और विदेशी विमानों पर निर्भरता घटेगी। अब तक एचएएल वायुसेना को तेजस के कई बैच सौंप चुकी है, लेकिन मार्क-1ए का यह नया संस्करण बेड़े को और मजबूत बनाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी तकनीक पर जोर दिया है। इसी कड़ी में तेजस परियोजना को प्राथमिकता दी जा रही है। रक्षा सचिव ने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में भारत अपने लड़ाकू विमान निर्माण के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में होगा।