कीव/मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। यूक्रेन की ओर से हाल ही में हुए हमलों के बाद रूस ने कीव पर भीषण पलटवार किया। रूसी सेना ने राजधानी कीव में यूरोपीय संघ (EU) और ब्रिटेन से जुड़े भवनों को निशाना बनाते हुए मिसाइल हमले किए, जिनमें इमारतों को गंभीर क्षति पहुँची। यह हमला न केवल सैन्य बल्कि राजनीतिक रूप से भी बड़ा संदेश माना जा रहा है।
रातभर गूँजते रहे धमाके
स्थानीय समय के अनुसार देर रात कीव में कई तेज धमाकों की आवाज़ें सुनी गईं। यूक्रेनी वायु रक्षा प्रणाली ने कई मिसाइलों को मार गिराने का दावा किया, लेकिन कुछ मिसाइलें शहर के बीचोंबीच गिरीं, जिससे सरकारी और कूटनीतिक भवन प्रभावित हुए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके इतने भीषण थे कि आसपास की रिहायशी कॉलोनियों की खिड़कियाँ टूट गईं और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
EU और ब्रिटेन के भवनों को नुकसान
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, जिन भवनों को नुकसान पहुँचा है उनमें यूरोपीय संघ और ब्रिटेन से जुड़े प्रशासनिक दफ़्तर शामिल हैं। हालाँकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि हमले में कोई हताहत हुआ या नहीं। अधिकारी लगातार मलबा हटाने और नुकसान का आकलन करने में जुटे हैं।
रूस ने दी चेतावनी
मॉस्को ने इन हमलों को “जवाबी कार्रवाई” करार दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन द्वारा रूसी सीमा क्षेत्रों और सैन्य ठिकानों पर बढ़ते हमलों के बाद यह जवाबी कदम उठाना पड़ा। बयान में साफ कहा गया कि “अगर यूक्रेन पश्चिमी सहयोगियों की मदद से रूस पर हमले करता रहेगा, तो ऐसे ही पलटवार और तेज़ होंगे।”
यूक्रेन ने कहा – ‘यह आतंकी हमला’
वहीं, यूक्रेन सरकार ने इस हमले को “आतंकी कार्रवाई” बताया है। राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस जानबूझकर नागरिक और कूटनीतिक ढाँचों को निशाना बना रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाए जाएँ और यूक्रेन की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए तत्काल मदद भेजी जाए।
तनाव और बढ़ा
विशेषज्ञों का कहना है कि EU और ब्रिटेन से जुड़े भवनों पर हमला रूस की सीधी चेतावनी है, क्योंकि ये देश यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक मदद मुहैया करा रहे हैं। यह कदम रूस-पश्चिम टकराव को और बढ़ा सकता है।
स्थिति गंभीर
कीव प्रशासन ने फिलहाल शहर के कई हिस्सों में आपातकाल घोषित कर दिया है। प्रभावित इलाकों को खाली कराया जा रहा है और राहत-बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं।