बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने सोमवार को संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए परिवहन भवन के पास बैरिकेड्स लगा दिए और सांसदों को आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस का कहना था कि मार्च के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
इस दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा समेत कई सांसदों ने बैरिकेड्स कूदकर सड़क पर धरना दिया। जब सांसद सड़क से हटने से इंकार कर गए, तो पुलिस ने कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
विरोध मार्च में मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार, टीआर बालू, संजय राउत, डेरेक ओब्रायन, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे। सांसदों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया और मतदाता डेटा हेराफेरी के आरोपों के खिलाफ नारेबाजी की और एसआईआर को वापस लेने की मांग की।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश को दोपहर 12:30 बजे मिलने के लिए बुलाया था और 30 सांसदों को अनुमति देने की बात कही थी। पुलिस ने कहा कि 30 सांसदों को चुनाव आयोग कार्यालय तक जाने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन विपक्ष ने इस शर्त को स्वीकार नहीं किया।
नई दिल्ली के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए सांसदों को निकटतम पुलिस स्टेशन ले जाया गया था और उनकी संख्या की गणना जारी है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि विपक्षी सांसदों को अनुमति मिलने पर उन्हें चुनाव आयोग कार्यालय तक जाने दिया जाएगा।