कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राष्ट्रपति द्वारा तेलंगाना आरक्षण विधेयक को मंजूरी न दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने भाजपा पर सामाजिक न्याय में बाधा डालने का आरोप लगाया और बिहार के उदाहरण का हवाला दिया, जहां आरक्षण बढ़ाने वाला विधेयक तुरंत मंजूर हो गया था।
तेलंगाना का यह विधेयक स्थानीय निकाय चुनाव, शिक्षा और रोजगार में पिछड़े वर्ग को 42% आरक्षण देने का प्रावधान करता है। विधानसभा ने 17 मार्च 2025 को इसे पारित किया, और 30 मार्च को राज्यपाल ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया। चार महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद मंजूरी लंबित है।