सुप्रीम कोर्ट में अब वरिष्ठ अधिवक्ताओं द्वारा मामलों के तत्काल उल्लेख और सुनवाई की अनुमति नहीं होगी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने यह फैसला जूनियर वकीलों को अवसर देने के लिए लिया है। नई व्यवस्था 11 अगस्त 2025 से लागू होगी।
नोटिस के अनुसार, नामित वरिष्ठ वकील मुख्य न्यायाधीश की अदालत में किसी भी मामले का तत्काल उल्लेख नहीं कर पाएंगे। इसके बजाय, कनिष्ठ वकीलों को यह मौका मिलेगा।
पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना ने भी तत्काल सुनवाई के लिए मौखिक प्रस्तुतियों की परंपरा समाप्त कर ईमेल या लिखित अनुरोध की व्यवस्था की थी। अब सीजेआई गवई ने मौखिक उल्लेख की प्रक्रिया फिर शुरू की है, लेकिन केवल जूनियर वकीलों के लिए।
सीजेआई ने कहा कि उनके न्यायालय में इस नियम का पालन होगा और उम्मीद जताई कि अन्य न्यायाधीश भी इसे अपनाएंगे। अब तक वकील कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश की पीठ के सामने अपने मामले उल्लेख कर प्राथमिकता से सुनवाई का अनुरोध करते थे।
सुप्रीम कोर्ट: वरिष्ठ वकीलों के मामलों पर तत्काल सुनवाई बंद, जूनियर्स को मौका
