केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शनिवार को उडुपी के श्री कृष्ण मठ में पर्याय पुत्तिगे मठ के सुगुणेन्द्र तीर्थ स्वामी ने ‘भारत लक्ष्मी’ की उपाधि प्रदान की। सीतारमण मंदिर नगरी उडुपी इसलिए आई थीं, ताकि मठ के चारों ओर बने ‘याली’ (पारंपरिक शैली के विशेष ढांचे) का उद्घाटन कर सकें। सुगुणेन्द्र तीर्थ स्वामी ने सम्मान पत्र पढ़ते हुए सीतारमण की ‘ईमानदारी और समर्पण’ की प्रशंसा की, जो उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में दिखाया है। इस सम्मान को पाकर भावुक हुईं सीतारमण ने याद किया कि वह पहली बार 2005 में उडुपी आई थीं, तब उन्हें एक कृष्ण प्रतिमा मिली थी, जिसकी वह आज भी पूजा करती हैं। उन्होंने ‘अष्ट मठों’ की ‘सेवा की संस्कृति’ की सराहना की और हर दिन हजारों भक्तों को भोजन कराए जाने की ‘अन्नब्रह्म’ परंपरा को ‘भक्ति और समर्पण’ का प्रतीक बताया। उन्होंने पुत्तिगे स्वामी द्वारा चलाए जा रहे ‘कोटि गीता लेखना यज्ञ’ की भी सराहना की, जिसमें एक करोड़ हाथ से लिखी गई भगवद गीता की प्रतियां एकत्र की जा रही हैं। उन्होंने इसे भगवान श्रीकृष्ण के संदेश को पूरे विश्व में फैलाने का अद्भुत प्रयास बताया।
उन्होंने कहा, मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है। साथ ही उन्होंने यह भी प्रार्थना की, भगवान कृष्ण हमारे देश, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी लोगों को आशीर्वाद दें। इस अवसर पर अदमार मठ के विश्वप्रिय तीर्थ स्वामी भी मौजूद थे। कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश कुमार को भी इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।