पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा) राज्यवासियों की नागरिकता छीनने की साजिश कर रही है। झाड़ग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, “क्या हम वाकई आज़ाद हैं? मुझे डर है कि कहीं हमारी नागरिकता ही न छीन ली जाए। हमें रोहिंग्या बताकर हिरासत केंद्रों में डाला जा रहा है और फिर बांग्लादेश भेजने की साजिश रची जा रही है।”
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा जनकल्याण से जुड़ी बातों पर काम करने के बजाय हर मुद्दे पर अदालतों का रुख कर रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मेरे पास 1912 का दस रुपये का नोट है जिस पर बंगाली भाषा में लिखा है, फिर भी वे कहते हैं कि बंगाली भाषा नहीं है।”
भाजपा का पलटवार – अवैध मतदाताओं के भरोसे सत्ता में लौटने का सपना
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद सामिक भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अगर यह सोचती हैं कि वे अवैध मतदाताओं की मदद से फिर से सत्ता में आएंगी, तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी बांग्लादेशियों, जिहादियों, रोहिंग्याओं और अवैध प्रवासियों को बचाने का प्रयास कर रही हैं।
भट्टाचार्य ने कहा कि ममता का SIR का विरोध करना संविधानिक संस्थाओं पर हमला है। “अगर उन्हें आपत्ति है तो वे सुप्रीम कोर्ट में जाएं, लेकिन भारत की जनता ऐसी राजनीति को बर्दाश्त नहीं करेगी,” उन्होंने कहा।
ममता का आरोप – बंगालियों को किया जा रहा निशाना
ममता बनर्जी ने एक दिन पहले झाड़ग्राम में विरोध मार्च भी निकाला और कहा कि भाजपा शासित राज्यों में बंगाली बोलने वालों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि असली मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, तो वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध करेंगी। “मालपुआ (अमित मालवीय) मेरी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है, लेकिन मैं डरने वाली नहीं। चाहे मुझे गिरफ्तार कर लो या गोली मार दो, मैं बंगाली भाषा और संस्कृति के अपमान का विरोध करती रहूंगी,” ममता ने कहा।
SIR के पीछे NRC की साजिश?
मुख्यमंत्री ने विशेष पुनरीक्षण को NRC से जोड़ते हुए आरोप लगाया कि असम में सात लाख लोगों को मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया, जिनमें बड़ी संख्या में हिंदू बंगाली भी शामिल हैं। उन्होंने दावा किया कि कूचबिहार और अलीपुरद्वार में नोटिस भेजे जा रहे हैं और लोगों को बांग्लादेश भेजने की कोशिश हो रही है।
ममता ने यह भी बताया कि उनके दो अधिकारियों को निलंबन को लेकर चुनाव आयोग से नोटिस मिला है। “डरने की जरूरत नहीं है। भाजपा चुनाव से आठ महीने पहले ही दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग अब भाजपा का एजेंट बन गया है,” उन्होंने आरोप लगाया।