Tuesday, August 5, 2025

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इस्राइल में नेतन्याहू बनाम न्यायपालिका: अटॉर्नी जनरल की बर्खास्तगी पर बढ़ा टकराव, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

इस्राइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और न्यायपालिका के बीच चल रहा तनाव अब खुलकर सामने आ गया है। सोमवार को इस्राइली कैबिनेट ने अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा को बर्खास्त करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर अस्थायी रोक लगा दी है।

अदालत ने कहा है कि जब तक यह तय नहीं हो जाता कि बर्खास्तगी का फैसला कानूनी और संवैधानिक है या नहीं, उसे लागू नहीं किया जा सकता।

 

 गहराता संवैधानिक संकट

यह घटनाक्रम इस्राइल में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच लंबे समय से चले आ रहे टकराव को और गहरा करता है।

  • नेतन्याहू और उनके समर्थकों का आरोप है कि अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा सरकार के कामकाज में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही हैं।
  • उन्होंने हाल में आंतरिक सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख की बर्खास्तगी के सरकारी आदेश को रोक दिया था, जिस पर नेतन्याहू पक्ष ने सत्ता के दुरुपयोग और हितों के टकराव का आरोप लगाया है।

 

 न्यायिक स्वतंत्रता पर संकट?

वहीं, नेतन्याहू के आलोचक कहते हैं कि यह कदम न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश है और इससे इस्राइल की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है।

  • नेतन्याहू पर यह भी आरोप है कि वे अपने खिलाफ चल रही आपराधिक जांचों से बचने के लिए न्यायिक व्यवस्था को नियंत्रित करना चाहते हैं।
  • मौजूदा सरकार को इस्राइल के इतिहास की सबसे राष्ट्रवादी और धार्मिक गठबंधन सरकार माना जा रहा है।

 

 न्यायिक सुधारों पर पहले भी हो चुका है विरोध

नेतन्याहू सरकार ने 2023 में न्यायपालिका में व्यापक बदलावों की योजना पेश की थी, जिसमें

  • सुप्रीम कोर्ट की शक्तियां सीमित करने
  • सरकार को जजों की नियुक्तियों में ज्यादा अधिकार देने
    जैसे प्रस्ताव शामिल थे।

इन प्रस्तावों के विरोध में देशभर में लाखों लोग सड़कों पर उतर आए थे।
कई जानकारों का मानना है कि आंतरिक अस्थिरता के चलते सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान भटका, जिसका फायदा उठाकर 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने हमला किया और गाजा युद्ध की शुरुआत हुई।

 

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