केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि भारत ने वर्ष 2024 में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण करके एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह अब तक का सर्वाधिक वार्षिक आंकड़ा है और 2013 में हुए 5,000 से भी कम प्रत्यारोपण की तुलना में एक बड़ी छलांग है।
प्रमुख बिंदु:
• भारत अब अंग प्रत्यारोपण की संख्या में विश्व में तीसरे स्थान पर है, अमेरिका और चीन के बाद।
• हाथ के प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भारत विश्व में अग्रणी बन चुका है, जो अत्याधुनिक शल्य चिकित्सा और चिकित्सा विशेषज्ञों की दक्षता का प्रमाण है।
• अंगदान करने वाले लोग समाज के मूक नायक हैं, जिनका निस्वार्थ कार्य दूसरों के जीवन को बचाने में मदद करता है।
जागरूकता में भी बढ़ोतरी:
• 2023 में आधार आधारित ‘एनओटीटीओ’ ऑनलाइन अंगदान प्रतिज्ञा पोर्टल शुरू किया गया।
• अब तक 3.30 लाख लोगों ने अंगदान की शपथ ली है, जो समाज में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
अंगदान की शक्ति:
• एक अंगदाता हृदय, फेफड़े, यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय और आंत दान करके 8 लोगों की जान बचा सकता है।
• ऊतक दान (जैसे कॉर्निया, त्वचा आदि) से कई अन्य लोगों की जिंदगी बदली जा सकती है।
नड्डा की चेतावनी:
• अंग विफलता (Organ Failure) के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हो रही है।
• अंगदाताओं की संख्या और जरूरतमंद रोगियों के बीच बड़ा अंतर है, जिससे जन स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव बढ़ रहा है।
समापन संदेश:
जेपी नड्डा ने 15वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर कहा, “प्रत्येक अंगदाता समाज के लिए एक प्रेरणा है। उनका योगदान दुख को आशा में और क्षति को जीवन में बदल देता है।”
भारत में 2024 में रिकॉर्ड 18,900 अंग प्रत्यारोपण
