गाजा में जारी इजरायली सैन्य कार्रवाई के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने फलस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की योजना का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में पेश किया जाएगा।
इस निर्णय के साथ कनाडा, फलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने वाला तीसरा G7 देश बनने की दिशा में अग्रसर है। हालांकि कार्नी ने स्पष्ट किया है कि यह मान्यता कुछ अहम शर्तों पर आधारित होगी।
क्या हैं शर्तें?
- 2026 में बिना हमास के पारदर्शी चुनाव कराना
- फलस्तीनी क्षेत्रों का निरस्त्रीकरण
- शासन प्रणाली में बुनियादी सुधार
- हमास द्वारा बंधकों की रिहाई
- भविष्य में हमास की शासन में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए
प्रधानमंत्री कार्नी ने कहा कि कनाडा दो-राष्ट्र समाधान का समर्थक है, जिसमें एक स्वतंत्र और संप्रभु फलस्तीन राज्य, इजरायल के साथ शांति और सुरक्षा के साथ सह-अस्तित्व में रहे।
इजरायल को समर्थन, हमास को नहीं
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि कनाडा, इजरायल के अस्तित्व और उसकी सुरक्षा के अधिकार का समर्थन करता रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमास को भविष्य में फलस्तीनी शासन में कोई स्थान नहीं मिलेगा।
मानवीय सहायता पहले से जारी
कनाडा ने अब तक गाजा में बिगड़ती स्थिति के मद्देनज़र करीब 34 करोड़ रुपये (4 करोड़ डॉलर) की मानवीय सहायता भेजी है। इसमें से:
- 3 करोड़ डॉलर फलस्तीनी नागरिकों की मदद के लिए
- 1 करोड़ डॉलर फलस्तीनी अथॉरिटी की स्थिरता के लिए दिए गए हैं।
अब तक कितने देश दे चुके हैं मान्यता?
फलस्तीन को अब तक करीब 139 देश स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दे चुके हैं। हाल ही में फ्रांस ने भी ऐसा करने का इरादा जताया है।