सीरिया में नए संसदीय चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। यह चुनाव 15 से 20 सितंबर के बीच आयोजित किए जाएंगे। ये चुनाव इसलिए ऐतिहासिक माने जा रहे हैं क्योंकि यह पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के पद से हटने के बाद पहली बार होंगे। नई संक्रमणकालीन सरकार के अंतर्गत आयोजित यह प्रक्रिया सीरिया के राजनीतिक पुनर्गठन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।
जनसभा चुनावों की उच्च समिति के अध्यक्ष मोहम्मद ताहा अल-अहमद ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘सना’ को बताया कि चुनावों के लिए तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं और देशभर में निर्वाचक मंडलों की स्थापना की जा रही है।
210 सीटों वाली संसद, एक-तिहाई पर नियुक्तियाँ
सीरिया की संसद में कुल 210 सीटें हैं। इनमें से एक-तिहाई सीटों पर अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा द्वारा प्रत्यक्ष नियुक्तियाँ की जाएंगी, जबकि शेष सीटों के लिए सीधी मतदान प्रक्रिया होगी। चुनाव समिति के सदस्य हसन अल-दाघिम के अनुसार, हर प्रांत में एक-एक निर्वाचन मंडल स्थापित किया जाएगा ताकि सभी क्षेत्रों में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
संक्रमणकालीन संविधान के तहत हो रहे चुनाव
मार्च 2025 में राष्ट्रपति अहमद अल-शरा द्वारा हस्ताक्षरित अस्थायी संविधान में एक जन समिति के गठन का प्रस्ताव दिया गया था, जो स्थायी संविधान के लागू होने तक अंतरिम संसद के रूप में कार्य करेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, स्थायी संविधान और पूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया की स्थापना में अभी वर्षों लग सकते हैं।
सांप्रदायिक हिंसा के बीच चुनावों की चुनौती
इन चुनावों की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब देश के दक्षिणी हिस्से, विशेष रूप से स्वेदा प्रांत में हाल ही में धार्मिक और जातीय हिंसा भड़की है।
- बेडौइन कबीलों और ड्रूज़ समुदाय के बीच हुई हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
- अपहरण और जवाबी हमलों के चलते क्षेत्र में तनाव बना हुआ है, जिससे देश का युद्धोत्तर संतुलन खतरे में पड़ गया है।
भविष्य की राह अभी कठिन
विशेषज्ञों का मानना है कि यह चुनाव प्रक्रिया राजनीतिक स्थिरता की दिशा में शुरुआती कदम जरूर है, लेकिन सीरिया को सांप्रदायिक संघर्ष, संस्थागत ढांचे की कमजोरी और विदेशी हस्तक्षेप जैसे बड़े संकटों से निपटना अभी बाकी है।