महाराष्ट्र में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और सरकारी सेवाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया गया है। विधि व न्याय कानून विभाग के सचिव सतीश बाघोले ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। इससे अब राज्य में मराठा समुदाय के लोग शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण का लाभ ले सकते हैं। सर्वेक्षण में यह पाया गया कि मराठा समुदाय के 84 प्रतिश परिवार उन्नत श्रेणी में नहीं आते हैं। इसलिए वे इंदिरा साहनी मामले के मुताबिक आरक्षण के पात्र हैं। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 20 फरवरी को हुए विधानमंडल के विशेष सत्र में मराठा समुदाय को 10% आरक्षण देने वाले विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई थी। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने आरक्षण की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया। सरकार ने आयोग के माध्यम से मराठा समुदाय के सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर सर्वेक्षण कराया था।