भारत और इस्राइल के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी को और गहराने के उद्देश्य से बुधवार को नई दिल्ली में अहम द्विपक्षीय बैठक आयोजित की गई। इसमें भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और इस्राइल रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक मेजर जनरल (रिटा.) आमिर बारम शामिल हुए।
दीर्घकालिक रक्षा सहयोग की दिशा में सहमति
बैठक में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग को एक संस्थागत और दीर्घकालिक ढांचे में तब्दील करने की जरूरत को समझा। इसका उद्देश्य तकनीकी, रणनीतिक और औद्योगिक क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना है।
आतंकवाद पर साझा चिंता और समर्थन
- आमिर बारम ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
- जवाब में राजेश कुमार सिंह ने 7 अक्टूबर 2023 को इस्राइल में हुए हमास हमले की निंदा की और बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की।
रक्षा सचिव ने भारत की “आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति” को दोहराया और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है — चाहे वह भारत में हो या इस्राइल में।
संयुक्त परियोजनाओं की समीक्षा
बैठक में जुलाई 2024 में आयोजित जॉइंट वर्किंग ग्रुप की प्रगति की समीक्षा की गई। इसमें हथियार प्रणालियों, रक्षा तकनीक और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर संतोष व्यक्त किया गया।
सेना प्रमुख से मुलाकात और क्षेत्रीय चर्चा
इस्राइल के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय भू-राजनीति, स्थिरता और रक्षा सहयोग के नए आयामों पर चर्चा की।
रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई
मेजर जनरल बारम की यह यात्रा भारत-इस्राइल रक्षा संबंधों में एक नया मील का पत्थर मानी जा रही है। दोनों देशों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे सुरक्षा, तकनीक और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मिलकर आगे बढ़ेंगे।