Tuesday, July 22, 2025

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किरेन रिजिजू: “मैं खुद अल्पसंख्यक हूं, भारत सबसे सुरक्षित देश”; ओवैसी बोले — “हक संविधान से मिलते हैं, दान से नहीं”

भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर एक बार फिर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जहां भारत को अल्पसंख्यकों के लिए सबसे सुरक्षित और सहिष्णु देश बताया, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बयान पर तीखा पलटवार किया।

किरेन रिजिजू का बयान: भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित
• एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में रिजिजू ने कहा:
“मैं खुद एक अल्पसंख्यक हूं। अगर पाकिस्तान या बांग्लादेश में होता, तो शायद शरणार्थी होता। लेकिन भारत में मैं पूरी तरह सुरक्षित हूं।”
• उन्होंने भारत की धर्मनिरपेक्ष और सहिष्णु बहुसंख्यक आबादी को इसके लिए श्रेय देते हुए कहा:
“यहां की बहुसंख्यक हिंदू आबादी स्वभाव से सहिष्णु है, इसीलिए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा और सम्मान मिला है।”
• उन्होंने यह भी कहा कि:
“मैंने आज तक किसी अल्पसंख्यक को यह कहते नहीं सुना कि वह भारत छोड़ना चाहता है।”

कांग्रेस और वामपंथ पर निशाना
• रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि:
“कांग्रेस समर्थित वामपंथी सोच के लोग झूठा नैरेटिव बना रहे हैं कि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है।”
• उन्होंने कहा कि यह देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाने वाली राजनीति है।

अल्पसंख्यकों के लिए योजनाएं भी गिनाईं
• मंत्री ने कहा कि सरकार की सभी योजनाएं सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लागू होती हैं, लेकिन कुछ योजनाएं विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के लिए हैं।
• उन्होंने कहा कि भारत की तुलना में चीन, म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान जैसे देशों से लोग भारत इसलिए आते हैं क्योंकि उन्हें यहां के संविधान और समाज पर भरोसा है।

ओवैसी का तीखा पलटवार
• असदुद्दीन ओवैसी ने कहा:
“हम भारत के अल्पसंख्यक हैं, कोई राजा की प्रजा नहीं। हमारे अधिकार संविधान से मिलते हैं, यह किसी का दिया हुआ दान नहीं है।”
• उन्होंने भारत की तुलना पाकिस्तान, श्रीलंका जैसे देशों से किए जाने पर नाराजगी जताई:
“हमने ब्रिटिश राज, बंटवारा और गुजरात, दिल्ली, मोरादाबाद जैसे दंगों का सामना किया है लेकिन भागे नहीं। हम अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।”
• ओवैसी ने दो टूक कहा:
“जय हिंद, जय संविधान!”

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