उत्तराखंड के रानीपोखरी क्षेत्र में छांगुर बाबा गिरोह द्वारा चलाए जा रहे एक ऑनलाइन धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में एक युवती भी आरोपी है, जो सोशल मीडिया के ज़रिए इस रैकेट से जुड़ी थी।
कारोबारी की बेटी को बनाया निशाना
मामला तब सामने आया जब रानीपोखरी क्षेत्र के एक कारोबारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी 21 वर्षीय बेटी का व्यवहार कुछ समय से असामान्य लग रहा था। पूछताछ में बेटी ने बताया कि कुछ मुस्लिम युवक-युवतियां उसे बहला-फुसलाकर धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जांच में यह भी पाया गया कि इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए भ्रामक और धर्मविरोधी सामग्री भेजी जा रही थी।
आरोपियों में देशभर से लोग शामिल
शिकायत के आधार पर जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, वे अलग-अलग राज्यों से हैं:
- अब्दुल रहमान – शंकरपुर, सहसपुर (उत्तराखंड)
- अबु तालिब – मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)
- अयान व अमन – कनॉट प्लेस, दिल्ली
- श्वेता उर्फ मरियम – गोवा
एटीएस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा अब्दुल रहमान और युवती मरियम को पहले ही पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका था। इसके बाद देहरादून पुलिस ने भी एसटीएफ की मदद से जांच शुरू की और कुछ संदिग्ध इंस्टाग्राम अकाउंट्स की तकनीकी निगरानी की गई।
क्या कहा एसएसपी ने?
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि छानबीन के दौरान ऐसे वीडियो भी मिले हैं जिनमें हिन्दू धर्म के प्रति आपत्तिजनक बातें कही गई थीं और इस्लाम को श्रेष्ठ बताया गया था। युवती के मोबाइल से कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनके आधार पर पुलिस टीमें अलग-अलग स्थानों पर भेजी गई हैं।
यह मामला ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चल रहे संगठित धर्मांतरण प्रयासों की गंभीरता को उजागर करता है। पुलिस मामले की तह तक जाने और पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए सतर्कता से काम कर रही है।